भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था तेज़ी से बढ़ रही है, और पूरे देश में डिजिटल भुगतान का प्रचलन बढ़ रहा है। हालाँकि, इस उछाल के कारण डिजिटल धोखाधड़ी में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिसके कारण भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को उपभोक्ताओं और वित्तीय संस्थानों दोनों की सुरक्षा के लिए सक्रिय कदम उठाने पड़े हैं। - Hacker News 07

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Wednesday, 30 April 2025

भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था तेज़ी से बढ़ रही है, और पूरे देश में डिजिटल भुगतान का प्रचलन बढ़ रहा है। हालाँकि, इस उछाल के कारण डिजिटल धोखाधड़ी में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिसके कारण भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को उपभोक्ताओं और वित्तीय संस्थानों दोनों की सुरक्षा के लिए सक्रिय कदम उठाने पड़े हैं।

 भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था तेज़ी से बढ़ रही है, और पूरे देश में डिजिटल भुगतान का प्रचलन बढ़ रहा है। हालाँकि, इस उछाल के कारण डिजिटल धोखाधड़ी में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिसके कारण भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को उपभोक्ताओं और वित्तीय संस्थानों दोनों की सुरक्षा के लिए सक्रिय कदम उठाने पड़े हैं।


डिजिटल धोखाधड़ी के लिए RBI की रणनीतिक प्रतिक्रिया
फरवरी 2025 में, RBI के गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने डिजिटल भुगतान में धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों पर प्रकाश डाला, और ऋणदाताओं के बीच बेहतर साइबर सुरक्षा उपायों की आवश्यकता पर बल दिया। फ़िशिंग हमलों और डोमेन स्पूफ़िंग से निपटने के लिए, RBI ने विशेष डोमेन नाम शुरू करने की घोषणा की:​


  • bank.in: बैंकों के लिए नामित।
  • fin.in: गैर-बैंक वित्तीय संस्थाओं के लिए आवंटित।


इन डोमेन का उद्देश्य वित्तीय संस्थानों के लिए एक सुरक्षित और पहचान योग्य ऑनलाइन उपस्थिति प्रदान करना है, जिससे ग्राहकों के धोखाधड़ी वाली वेबसाइटों का शिकार होने का जोखिम कम हो। बैंकिंग प्रौद्योगिकी में विकास और अनुसंधान संस्थान (IDRBT) अप्रैल 2025 में शुरू होने वाले पंजीकरण के साथ अनन्य रजिस्ट्रार के रूप में काम करेगा।

साइबर सुरक्षा ढांचे को मजबूत करना

  • गवर्नर मल्होत्रा ​​ने बैंकों से डिजिटल धोखाधड़ी को रोकने के लिए मजबूत और सक्रिय प्रणाली लागू करने का आग्रह किया। प्रमुख सिफारिशों में शामिल हैं:​
  • बढ़ी हुई निगरानी: बैंकों को तीसरे पक्ष के सेवा प्रदाताओं पर बारीकी से नज़र रखनी चाहिए ताकि उनसे होने वाले जोखिमों को कम किया जा सके।
  • मजबूत आईटी जोखिम प्रबंधन: संभावित कमजोरियों को दूर करने के लिए व्यापक आईटी जोखिम प्रबंधन रणनीति विकसित करना।
  • ग्राहक जागरूकता: संभावित धोखाधड़ी योजनाओं के बारे में ग्राहकों को शिक्षित करना और सुरक्षित डिजिटल प्रथाओं को बढ़ावा देना।​


साइबर खतरों का सामना करने में सक्षम एक लचीला वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में ये उपाय महत्वपूर्ण हैं।


reff.: -द इकोनॉमिक टाइम्स


बढ़ता खतरा परिदृश्य

दुर्भाग्य से डिजिटल लेनदेन में वृद्धि के साथ-साथ साइबर धोखाधड़ी के मामलों में भी उछाल आया है। वित्तीय वर्ष 2024 में, भारत में उच्च मूल्य वाले साइबर धोखाधड़ी के मामलों में चार गुना से अधिक की वृद्धि हुई, जिसके परिणामस्वरूप $20 मिलियन से अधिक का नुकसान हुआ। धोखेबाज़ व्यक्तियों और संस्थानों को धोखा देने के लिए AI-संचालित डीपफेक और स्पूफिंग सहित परिष्कृत तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं।


Conclusion:


जैसे-जैसे भारत डिजिटल वित्तीय सेवाओं को अपना रहा है, साइबर सुरक्षा के महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता। RBI की पहल, जिसमें विशेष डोमेन नाम की शुरूआत और मजबूत साइबर सुरक्षा ढांचे पर जोर शामिल है, डिजिटल वित्तीय परिदृश्य की सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। वित्तीय संस्थानों को सतर्क रहना चाहिए, अपने सुरक्षा प्रोटोकॉल को लगातार अपडेट करना चाहिए और ग्राहकों को सुरक्षित और भरोसेमंद डिजिटल वातावरण


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